
रायपुर। रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की तैयारी जोर पकड़ चुकी है, और इसी के साथ क्षेत्र के 19 वार्डों के पार्षदों का भविष्य भी तय होता दिख रहा है। इस क्षेत्र में 8 पार्षद भाजपा के हैं, 9 कांग्रेस के, और 2 निर्दलीय पार्षद भी हैं, जो वर्तमान में कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं। इस तरह, उपचुनाव के मतदान और परिणामों के आधार पर इन पार्षदों की राजनीतिक स्थिति भी प्रभावित होगी।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इन वार्डों में भाजपा या कांग्रेस में से जो भी पार्टी आगे बढ़ेगी, उसके उम्मीदवारों को अगले स्थानीय निकाय चुनाव में टिकट मिलना लगभग तय है। इसके विपरीत, जिन पार्षदों का प्रदर्शन कमजोर रहेगा, उनके लिए टिकट कटना संभव है। इस प्रकार, यह चुनाव केवल दक्षिण विधानसभा के विधायक का ही नहीं, बल्कि वार्ड के पार्षदों के लिए भी महत्वपूर्ण हो गया है।

इस प्रकार, रायपुर दक्षिण विधानसभा का उपचुनाव न केवल पार्टी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उन सभी पार्षदों के लिए भी एक महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, जिनका भविष्य इस चुनाव के परिणामों पर निर्भर करेगा। राजनीति के इस खेल में सभी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, और परिणामों का इंतजार किया जा रहा है।
पार्षद कांग्रेस के ज्यादा, लेकिन वोट भाजपा को
पिछले चुनावों का इतिहास देखा जाए, तो यहां भले ही पार्षद कांग्रेस के ज्यादा हों, लेकिन चुनावों में वोट ज्यादा भाजपा को ही मिलते आ रहे हैं। फिर वो चाहे विधानसभा का चुनाव हो या फिर लोकसभा का। दोनों में ही बृजमोहन को एकतरफा समर्थन यहां की जनता ने दिया है। ऐसे में इस दक्षिण के चुनाव में पार्षदों का राजनीतिक करिअर भी दांव पर लग गया है।
19 में से आठ महिला पार्षद
दक्षिण के अंतर्गत आने वाले सभी वार्डों में महिला पार्षदों का कब्जा है। जिसमें से पांच बीजेपी की महिला पार्षद हैं और तीन कांग्रेस की महिला पार्षद हैं।