
निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा और कांग्रेस, नई रणनीतियों पर हो रहा मंथन
युवा चेहरों पर दांव लगाएगी भाजपा
भाजपा इस बार निकाय और पंचायत चुनावों में युवा और नए चेहरों को मौका देने की रणनीति बना रही है। पार्टी की मैराथन बैठक के बाद इसके संकेत मिल चुके हैं। पार्टी का मानना है कि नए चेहरों को मौका देने से कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा। जातीय समीकरणों को साधने के लिए भी पार्टी की ओर से विशेष योजना बनाई जा रही है।
वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी का भी डर
भाजपा की इस रणनीति के चलते कई वरिष्ठ नेता असंतोष जाहिर कर सकते हैं। टिकट न मिलने की स्थिति में उनकी नाराजगी का खतरा है। इसी कारण पार्टी ने निगम-मंडल की राजनीतिक नियुक्तियां फिलहाल टाल दी हैं, ताकि कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं के असंतोष को दूर किया जा सके।
सरकार ने की आरक्षण प्रक्रिया की घोषणा
राज्य सरकार ने नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के वार्डों में आरक्षण के लिए जिला कलेक्टर को विहित प्राधिकारी नियुक्त किया है। महापौर, पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और महिलाओं के लिए आरक्षण की अधिसूचना जारी कर दी गई है। आरक्षण की यह प्रक्रिया लॉटरी के माध्यम से पूरी की जाएगी।
50% से अधिक आरक्षण की अनुमति नहीं
अधिसूचना के मुताबिक, अगर किसी निकाय में अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 50% से कम है, तो शेष स्थान ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित होंगे। लेकिन आरक्षण किसी भी स्थिति में 50% से अधिक नहीं होगा। वहीं, अगर किसी निकाय में SC या ST की जनसंख्या 50% या उससे ज्यादा है, तो वहां ओबीसी के लिए कोई आरक्षण नहीं होगा।
20 दिसंबर के बाद कभी भी लग सकती है आचार संहिता
संभावना है कि 20 दिसंबर के बाद नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की घोषणा हो सकती है। घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो जाएगी। बताया जा रहा है कि ये चुनाव बजट सत्र से पहले चार से पांच चरणों में कराए जा सकते हैं।