

सड़क सुरक्षा सप्ताह में पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी निभाई, अब जनता को भी करनी होगी अपनी भूमिका।
सड़क सुरक्षा के लिए पुलिस और जनता दोनों का सक्रिय सहयोग जरूरी है। एक तरफ पुलिस जागरूकता फैलाने और नियम लागू करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रही है, तो दूसरी तरफ जनता का गैर-जिम्मेदाराना रवैया इन प्रयासों को कमजोर कर रहा है।

पुलिस की जिम्मेदारी:
1. नियम लागू करना: पुलिस का पहला कर्तव्य है कि वह यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराए। चालान काटना और गाड़ियों के कागजात चेक करना इसका हिस्सा है।
2. जागरूकता अभियान: पुलिस स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर अभियान चलाकर बच्चों और बड़ों को सड़क सुरक्षा के नियम सिखा रही है।
3. लापरवाही पर कार्रवाई: बिना परमिट गाड़ियां, तेज रफ्तार वाहन और नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने पर पुलिस कड़ी कार्रवाई कर रही है।
4. इमरजेंसी स्थिति प्रबंधन: जाम हटाना, दुर्घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई और यातायात का सही संचालन सुनिश्चित करना पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी है।

जनता की जिम्मेदारी:
1. नियमों का पालन: जनता को हेलमेट पहनना, सीट बेल्ट लगाना, गाड़ी के कागजात सही रखना और ट्रैफिक लाइट का पालन करना चाहिए।
2. बच्चों को गाड़ी न दें: माता-पिता को नाबालिग बच्चों को वाहन देने से बचना चाहिए और उन्हें यातायात नियमों के प्रति जागरूक बनाना चाहिए।
3. सड़क पर शिष्टाचार: वाहन चलाते समय शिष्टाचार दिखाएं, सड़क पर स्टंट न करें, और हाईवा जैसे भारी वाहनों से दूरी बनाए रखें।
4. पुलिस का सहयोग करें: पुलिस के निर्देशों का पालन करें और जागरूकता अभियानों में भाग लें।

सफलता के लिए सहयोग जरूरी
यातायात पुलिस अधिकारी का कहना है, “पुलिस और जनता का आपसी सहयोग ही सड़क सुरक्षा की गारंटी है। जागरूकता तभी असरदार होगी, जब हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी निभाएगा।”
सड़क सुरक्षा सिर्फ एक माह का अभियान नहीं, बल्कि हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनना चाहिए। पुलिस और जनता दोनों को अपनी भूमिका समझनी होगी ताकि सड़कों को सुरक्षित बनाया जा सके।