
गरियाबंद/रायपुर।
महिला नगर सैनिक ओमिका ध्रुव की 12 अप्रैल को हुई हत्या के मामले में नया मोड़ सामने आया है। मृतका के भाई गावेंद्र ध्रुव ने एक वीडियो बयान जारी कर इस हत्या के लिए गरियाबंद कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की अधीक्षिका अमिता मेढे को जिम्मेदार ठहराया है। गावेंद्र का आरोप है कि अधीक्षिका ने अपनी अनियमितताओं का भंडाफोड़ करने वाली ओमिका के खिलाफ षड्यंत्र रचा और उसके चरित्र पर लांछन लगवाकर उसके पति को हत्या के लिए उकसाया।

अनियमितताओं की शिकायत बनी हत्या की वजह
गावेंद्र के अनुसार, ओमिका ने विद्यालय में हो रही गड़बड़ियों, जैसे कि छात्राओं को बाहर ले जाना, गेट रजिस्टर में एंट्री न होना और अधीक्षिका के परिजनों का परिसर में बेरोकटोक प्रवेश, की शिकायत की थी। इस पर कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने 6 फरवरी को निरीक्षण कर अधीक्षिका को 10 फरवरी को कार्यमुक्त कर दिया था। हालांकि, अमिता मेढे ने उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश ले लिया और फिर से पद पर बनी रही।

चरित्र हनन और मानसिक प्रताड़ना से टूटा परिवार
गावेंद्र ने आरोप लगाया कि कोर्ट से लौटने के बाद अधीक्षिका ने ओमिका को मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया और उसके चरित्र पर निराधार लांछन लगाए गए। इससे ओमिका का वैवाहिक जीवन प्रभावित हुआ और वह तनाव में आ गई। पति सोहन साहू ने अधीक्षिका के कथित उकसावे में आकर गला घोंटकर ओमिका की हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, लेकिन अब तक अधीक्षिका पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
उच्चस्तरीय जांच की मांग
परिजनों और मृतका के भाई ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और कहा है कि जब तक अधीक्षिका को सह आरोपी नहीं बनाया जाता, न्याय अधूरा रहेगा। अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है।
समाज के लिए सवाल: क्या सिस्टमिक प्रश्रय ने ली एक महिला की जान?
इस हत्याकांड ने प्रशासनिक सिस्टम और न्यायिक प्रक्रियाओं पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यदि अधीक्षिका को समय पर हटाकर जांच पूरी की जाती, तो एक परिवार तबाह होने से बच सकता था?
इस पूरे मामले को लेकर जिले भर में आक्रोश है और लोग न्याय की मांग कर रहे हैं।
