
बारिश के बीच सड़क निर्माण, गुणवत्ता से समझौता, जनता की गाढ़ी कमाई पर खुलेआम डाका
मुंगेली। प्रदेश सरकार भले ही गुणवत्ता परक निर्माण कार्यों को प्राथमिकता देने की बात कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे उलट है। मुंगेली जिले के लोक निर्माण विभाग में कार्यपालन अभियंता एस.के सतपथी के खिलाफ गंभीर अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि यह सब तब हो रहा है जब प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण मंत्री अरुण साव 21 जून को जिले के दौरे पर थे।


जानकारी के अनुसार, खम्हरिया से तराईगांव तक लगभग ₹2.5 करोड़ की लागत से बन रही सड़क का डामरीकरण कार्य लगातार हो रही बारिश के बीच किया जा रहा है। जबकि इंजीनियरिंग मानकों के मुताबिक, वर्षा ऋतु में इस प्रकार का कार्य प्रतिबंधित होता है। यह न सिर्फ तकनीकी नियमों की अवहेलना है, बल्कि सरकारी धन की बर्बादी भी है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि ठेकेदार को “खुली छूट” दे दी गई है और विभागीय अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं। मौके पर कोई एसडीओ, न ही सब-इंजीनियर मौजूद दिखा। घटिया बिटुमिन और डामर तय स्थानों से बहुत दूर से लाकर बिना जांच के उपयोग किया जा रहा है, जिससे गुणवत्ता सवालों के घेरे में आ गई है।
जनप्रतिनिधियों की चुप्पी भी संदेहास्पद
जनता को जिन जनप्रतिनिधियों से उम्मीद थी कि वे आवाज़ उठाएंगे, वे भी मौन साधे हुए हैं। मंत्री प्रवास के दौरान घटिया डामरीकरण का मामला सामने आने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई न होना यह दर्शाता है कि कहीं पूरा सिस्टम ही इस भ्रष्टाचार में मौन समर्थन दे रहा है।
डामरीकरण पर पहले ही जारी था विभागीय प्रतिबंध
लोक निर्माण विभाग मुंगेली संभाग ने 13 जून 2025 को ठेकेदार मेसर्स/ को स्पष्ट चेतावनी दी थी कि 16 जून से 15 अक्टूबर तक किसी भी स्थिति में डामरीकरण कार्य न किया जाए। ज्ञापन क्रमांक 3011 के माध्यम से जारी इस निर्देश में कहा गया था कि मानसून में डामरीकरण तकनीकी दृष्टि से हानिकारक होता है, और ऐसा कार्य अनुबंध की अवहेलना माना जाएगा।
इसके बावजूद विभागीय अधिकारी और ठेकेदार द्वारा मिलकर इस चेतावनी की अनदेखी की गई, जो न केवल शासन के निर्देशों की अवमानना है, बल्कि भ्रष्टाचार की स्पष्ट बानगी भी।
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