
मुंगेली। जिला अस्पताल में गर्भवती महिला को इलाज न मिलने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाध्यक्ष घनश्याम वर्मा को जांच के निर्देश दिए। निर्देश के पालन में जिलाध्यक्ष ने पीड़िता से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया।


समिति में नगर पालिका अध्यक्ष रोहित शुक्ला को अध्यक्ष तथा दिलीप बंजारा और अभिलाष सिंह को सदस्य बनाया गया है। समिति को मामले की जांच कर शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में एक गर्भवती महिला को परिजन देर रात 1 बजे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन नर्स ने बताया कि डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं और सुबह ही आएंगे। इस दौरान महिला कई घंटों तक दर्द से तड़पती रही, अंततः परिजनों ने उसे निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां सुबह 10 बजे उसने बच्चे को जन्म दिया।
परिजनों का आरोप है कि जिला अस्पताल में रात के समय डॉक्टरों की अनुपलब्धता के कारण मरीजों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। करोड़ों की लागत से बने इस अस्पताल की व्यवस्था लगातार बदहाल होती जा रही है।
जिलाध्यक्ष घनश्याम वर्मा ने कहा कि जिले के सबसे बड़े अस्पताल में इस तरह की लापरवाही बेहद चिंताजनक है। यदि एक प्रसूता को इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है तो प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति गंभीर नहीं है, अस्पताल एकमात्र डॉक्टर के भरोसे चल रहा है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए पत्रकारों की आवाज दबाने का प्रयास करती है। हाल ही में रायपुर और मुंगेली में अस्पताल की अव्यवस्थाओं पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार और नोटिस जारी किए जाने की घटनाएं सामने आई हैं।
इस अवसर पर जिलाध्यक्ष वर्मा के साथ नगर पालिका अध्यक्ष रोहित शुक्ला, अभिलाष सिंह, कौशल सिंह क्षत्रिय, मुकेश मिरी, श्रवण सोनकर और गौरी सोनकर उपस्थित रहे।