
मुंगेली। राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा (25 अगस्त से 8 सितंबर) के तहत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पदमपुर में नेत्रदान शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान 55 लोगों की आंखों की जांच कर उन्हें नेत्र सुरक्षा, नेत्र जांच और नेत्रदान से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं। शिविर में आवश्यक दवाइयां वितरित की गईं और 7 मरीजों को चश्मा भी प्रदान किया गया। खास बात यह रही कि इस अवसर पर 20 लोगों ने नेत्रदान करने की घोषणा की, जिनमें सेवानिवृत्त आर्मी, जनप्रतिनिधि, स्वास्थ्यकर्मी और ग्रामीण शामिल रहे।
शिविर को संबोधित करते हुए डॉ. मनीष बंजारा ने कहा कि “नेत्रदान सभी दान से उत्तम दान है। नेत्रदान के माध्यम से दो व्यक्तियों के अंधकारमय जीवन में उजाला लाया जा सकता है।” उन्होंने बताया कि मृत्यु उपरांत केवल आंख की कार्निया झिल्ली ली जाती है, न कि पूरा नेत्र, और इस प्रक्रिया में शरीर में किसी प्रकार की विकृति नहीं होती।
डॉ. बंजारा ने आंखों की सुरक्षा के लिए पौष्टिक आहार लेने, धूम्रपान से बचने, धूप में चश्मा पहनने, स्क्रीन पर काम करते समय 20-20-20 नियम का पालन करने और नियमित जांच कराने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में कंप्यूटर व मोबाइल का लंबे समय तक उपयोग आंखों पर असर डालता है, इसलिए बीच-बीच में विश्राम लेना जरूरी है।

नेत्रदान पखवाड़े का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शीला शाहा, डीपीएम गिरीश कुर्रे और नोडल अधिकारी डॉ. देवेश खांडे के मार्गदर्शन में किया गया। कार्यक्रम में गोविंद मोहले जनपद सदस्य, आशीष जायसवाल, मिश्री खांडे (रिटायर्ड आर्मी), टोपेश साहू, संजय जायसवाल, वेद प्रकाश खांडे, अमन साहू, फेकू मिरि, अतुल जायसवाल, किशोर कुंभकार (नेत्र सहायक), सीमा पहारी, मिथलेश राठौर, किशोर उइके (नेत्र सहायक), सुनीता मिरि, सुधालक्ष्मी गंधर्व, दिवाकर साहू, मोनिका जांगड़े, जलेश्वरी, ललिता साहू सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि अब तक नेत्रदान के मामले में मुंगेली जिला पीछे रहा है, किंतु इस बार के नेत्रदान पखवाड़े से जिले में सकारात्मक शुरुआत हुई है।