
लोरमी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपने शताब्दी वर्ष के अवसर पर विजयादशमी उत्सव और भव्य पथ संचलन का आयोजन लोरमी मंडल में किया। स्वयंसेवकों के कदमताल और ‘भारत माता की जय’ के जयघोष से पूरा नगर गूंज उठा। इस आयोजन के माध्यम से संघ ने समाज को एकता और पंच परिवर्तन का संदेश दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता खेमूदास ढिंढे ने की, जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ छत्तीसगढ़ प्रांत के प्रांत कार्यवाह चंद्रशेखर देवांगन मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
100 वर्षों का सफर और प्रतिबंधों के बावजूद ध्येय पर अडिग संघ:
अपने उद्बोधन में मुख्य वक्ता चंद्रशेखर देवांगन ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्षों के सफर को विस्तार से बताया। उन्होंने उल्लेख किया कि किस प्रकार समय-समय पर संघ पर प्रतिबंध लगे, फिर भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने ध्येय पर लगातार कार्यरत रहा। उन्होंने कहा कि इसी का परिणाम है कि आज समाज की हर दिशा में राष्ट्र की चिंता करने वाला स्वयंसेवक भारत के प्रत्येक खंड और मंडल स्तर पर मौजूद है। 100 वर्ष पहले हिंदू समाज को एकजुट करने के उद्देश्य से शुरू हुआ यह संगठन आज अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है।

पंच परिवर्तन का आग्रह:
संघ इस शताब्दी वर्ष में समाज में ‘पंच परिवर्तन’ की बात को जन-जन तक पहुंचाने और लोगों द्वारा उसे अपने जीवन में उतारने का आग्रह स्वयंसेवकों के माध्यम से लगातार कर रहा है। ये पंच परिवर्तन हैं: कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक समरसता, स्व का बोध, और नागरिक कर्तव्य। स्वयंसेवकों ने उपस्थित सभी लोगों से इन विषयों को अपने जीवन में अपनाने का आग्रह किया।

शताब्दी वर्ष में सात विशेष कार्यक्रम:
श्री देवांगन ने बताया कि संघ के शताब्दी वर्ष में कोई एक बड़ा कार्य न करते हुए, अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा द्वारा सात प्रमुख कार्यक्रम नियोजित किए गए हैं, जिनके माध्यम से संघ जन-जन तक पहुंचेगा। ये कार्यक्रम हैं: विजयादशमी उत्सव एवं पथ संचलन, गृह संपर्क अभियान, हिंदू सम्मेलन, युवा सम्मेलन, सामाजिक सद्भाव बैठक, प्रमुख जन गोष्टी, और अधिकतम स्थानों पर शाखा का विस्तार।

तीन दिशाओं से संचलन, नगर वासियों ने किया स्वागत:
कार्यक्रम के तहत पथ संचलन नगर के तीन अलग-अलग स्थानों– महामाया मंदिर, रेस्ट हाउस, तथा रानीगांव अटल परिसर – से प्रारंभ हुआ। तीनों दिशाओं से निकले स्वयंसेवक संगम के रूप में मिलकर नगर के नौलखा चौक से कबीर भवन तक पहुंचे। घोष (बैंड) के ताल पर स्वयंसेवकों ने अनुशासन के साथ संचलन किया, जिसका नगर वासियों ने जगह-जगह भव्य स्वागत किया।
इस सफल कार्यक्रम में ग्राम, नगर के स्वयंसेवकों के साथ-साथ खंड, जिला एवं विभाग के अधिकारी गण, नगर के गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में माताएं-बहनें सम्मिलित हुईं। स्वयंसेवकों के साथ-साथ सभी समाज व वर्गों के लोगों का इस आयोजन को सफल बनाने में विशेष सहयोग रहा।