
मुंगेली | आगर साहित्य समिति मुंगेली एवं राष्ट्रीय कवि संगम मुंगेली के संयुक्त तत्वावधान में देश के प्रख्यात हास्य कवि एवं छत्तीसगढ़ के गौरव पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। श्रद्धांजलि सभा में नगर के सभी प्रमुख सामाजिक संगठनों, पत्रकारों एवं साहित्य प्रेमियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
🙏 सभा की शुरुआत में प्राध्यापक अशोक गुप्ता ने डॉ. दुबे के जीवन की प्रेरणादायक झलकियाँ साझा कीं।
🗣️ अनिल सोनी, अध्यक्ष प्रेस क्लब मुंगेली ने कहा – “डॉ. दुबे का मुंगेली से आत्मीय संबंध रहा है, उनका जाना नगर की अपूरणीय क्षति है।”
📝 वरिष्ठ साहित्यकार मनोज अग्रवाल ने भावुक शब्दों में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
🏛️ नगर पालिका अध्यक्ष रोहित शुक्ला ने कहा – “देशभर के मंचों पर डॉ. दुबे की लोकप्रियता निर्विवाद थी, उनके जैसा कवि युगों-युगों तक याद किया जाएगा।”
🗳️ कांग्रेस कमेटी नगर अध्यक्ष स्वतंत्र मिश्रा ने कहा – “डॉ. दुबे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान थे, जिन्होंने हमारी मिट्टी की महक को देश-दुनिया तक पहुँचाया।”
📰 प्रेस क्लब सचिव योगेश शर्मा ने नवभारत द्वारा आयोजित कवि सम्मेलनों के संस्मरण साझा किए।
🖋️ वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत शर्मा ने कहा – “डॉ. दुबे ढाई करोड़ छत्तीसगढ़वासियों की भावनाओं के प्रतिनिधि कवि थे।”
🏡 बलराज सिंह, शिक्षक व जिला अध्यक्ष, ने पारिवारिक जुड़ाव साझा करते हुए बताया कि डॉ. दुबे पिछली बार उनके गांव भी आए थे और मातारानी के दर्शन किए थे।
⚖️ रविंद्र सिंह छाबड़ा ने कहा – “डॉ. दुबे जैसा कवि छत्तीसगढ़ को फिर कभी नहीं मिलेगा।”
📖 रामकिंकर सिंह परिहार (स्टेप फाउंडेशन) ने कहा – “हँसी बाँटने वाला कवि आज सबको रुला गया।”
🎭 सतपाल मक्कड़ (समन्वय कला परिषद) ने उन्हें छत्तीसगढ़ में कवि सम्मेलन की परंपरा का स्तंभ बताया।
🎙️ देवेन्द्र परिहार, अध्यक्ष आगर साहित्य समिति, ने अपने भावुक संस्मरण साझा करते हुए सभा का संचालन किया।
🔚 कार्यक्रम का समापन 2 मिनट के मौन और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना के साथ हुआ।

🔸उपस्थित गण में शामिल रहे:
अनिल सोनी, रोहित शुक्ला, मनोज अग्रवाल, स्वतंत्र मिश्रा, योगेश शर्मा, प्रशांत शर्मा, बलराज सिंह, रविंद्र छाबड़ा, रामकिंकर सिंह, सतपाल मक्कड़, हूप सिंह क्षत्रिय, जय ताम्रकार, सुशील शुक्ला, रामा साहू ‘संयम’, विभा सोनी, अभिलाष पांडे, संतोष वैष्णव सहित कई गणमान्यजन।