
मुंगेली। सत्र न्यायाधीश मुंगेली पीठासीन श्रीमती गिरिजा देवी मेरावी ने महिला से छेड़छाड़ और अनुसूचित जनजाति की सदस्या को अपमानित करने के मामले में आरोपी बनशु उर्फ बनस यादव (उम्र 38 वर्ष), पिता जगत राम यादव, निवासी ग्राम लमनी, चौकी खुड़िया, थाना लोरमी को दो अलग-अलग धाराओं में दो-दो वर्ष का सश्रम कारावास और ₹2000 के अर्थदंड से दंडित किया है। यह फैसला दिनांक 25/9/2025 को सुनाया गया।
यह मामला चौकी खुड़िया थाना लोरमी के अपराध क्रमांक 101/23 से संबंधित है। आरोपी बनशु उर्फ बनस यादव ने प्रार्थीया (शिकायतकर्ता) को अनुसूचित जनजाति की सदस्या जानते हुए, उसे अपमानित करने की नीयत से छेड़छाड़ की थी। उसने महिला की सहमति के बिना उसके हाथ और बांह को पकड़ा और स्पर्श किया था।
न्यायालय ने आरोपी को भारतीय दंड विधान की धारा 354 (छेड़छाड़) के तहत दो वर्ष का सश्रम कारावास और ₹1000 का अर्थदंड लगाया है।
इसके साथ ही, एट्रोसिटी एक्ट (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम) की धारा 3(1)(ब) और 3(2)(V क) के अंतर्गत भी आरोपी को दो वर्ष का सश्रम कारावास और ₹1000 का अर्थदंड से दंडित किया गया है।
न्यायालय ने उपलब्ध दस्तावेजों और 10 गवाहों के बयानों का गहन परिशीलन किया। साक्ष्यों के आधार पर मामले को संदेह से परे प्रमाणित पाए जाने पर यह सजा सुनाई गई। आरोपी बनशु उर्फ बनस यादव पहले से ही एक अन्य प्रकरण में मुंगेली जेल में निरुद्ध है।
अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी रजनीकांत सिंह ठाकुर, लोक अभियोजक, मुंगेली ने की। इस प्रकरण का अनुसंधान नवनीत पाटिल, उप पुलिस अधीक्षक, मुंगेली द्वारा किया गया था।