
कलेक्टर को हटाने के लिए अल्टीमेटम देने वाले पूर्व गृहमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता ननकीराम कंवर ने अंततः 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री निवास रायपुर के सामने धरने पर बैठने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने इसकी जानकारी रायपुर कलेक्टर को भेजी है।

कंवर ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री समेत कई कैबिनेट मंत्रियों के समक्ष वह कोरबा कलेक्टर की शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अनियमितता और मनमानी करने वाले कलेक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने कहा कि इसी कारण उन्हें धरने के लिए बाध्य होना पड़ा है।
गंभीर आरोप लगाए
पूर्व गृहमंत्री ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आवास कार्यालय कुछ आईएएस अधिकारियों के नियंत्रण में है, जिसके चलते मुख्यमंत्री को वास्तविक स्थिति से अवगत नहीं कराया जाता और उन्हें गुमराह किया जाता है।
कंवर ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार के दौरान उन्होंने पीएससी परीक्षा घोटाला, शराब घोटाला, सीजीएमएससी दवाई खरीदी घोटाला, कोयला घोटाला, डीएमएफ घोटाला और एनएचएआई के फर्जी मुआवजा जैसे मामलों की शिकायत केंद्र सरकार से की थी। इन शिकायतों के बाद दर्जनों आईएएस अधिकारी, डिप्टी कलेक्टर और बड़े नेताओं पर कार्रवाई भी हुई थी।

पुराने मामलों का जिक्र
कंवर ने बताया कि उन्होंने कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप के सामने कोरबा में आयोजित एक मंच से ओडीएफ घोटाले की जानकारी दी थी, जब पी. दयानंद कलेक्टर थे। उस समय आरोपों को खारिज कर दिया गया था, लेकिन बाद में सैकड़ों शौचालयों में गड़बड़ी के मामले एसडीएम कार्यालय में दर्ज हुए।
शिकायतों पर ध्यान नहीं
कंवर ने नाराज़गी जताई कि भाजपा सरकार में उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। उन्होंने कहा, “अगर मेरे जैसे वरिष्ठ नेता की शिकायत को तवज्जो नहीं मिल रही, तो अन्य जनप्रतिनिधियों की शिकायतों का क्या हश्र होता होगा।”
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