
रायगढ़।भाजपा संगठन में चल रहे अंदरूनी विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। भारतीय जनता पार्टी, छत्तीसगढ़ प्रदेश कार्यालय से जारी नोटिस में भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष एवं आदिवासी युवा नेता रवि भगत को सीधे-सीधे पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोपी ठहराया गया है।


जारी नोटिस के मुताबिक –
पार्टी नेताओं के खिलाफ सोशल मीडिया में लगातार बयानबाज़ी करने पर रवि भगत पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया है। नोटिस में साफ कहा गया है कि यह आचरण पार्टी अनुशासन के खिलाफ है और 7 दिनों के भीतर उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करना होगा, अन्यथा उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
नोटिस प्रदेश महामंत्री एवं मुख्यालय प्रभारी जगदीश राम रोहड़ा के हस्ताक्षर से जारी किया गया है।
राजनीतिक गलियारों में इस नोटिस को लेकर हलचल तेज़ हो गई है।
सूत्रों का कहना है कि रवि भगत ने हाल के दिनों में DMF (जिला खनिज न्यास) के फंड में कथित गड़बड़ी और बंदरबांट पर खुलकर आवाज उठाई थी, जिसके बाद से संगठन में खींचतान बढ़ गई थी।
👉 अब सवाल यह है कि क्या आवाज उठाने वाले नेता को चुप कराने के लिए पार्टी ने यह कदम उठाया है?
👉 या फिर यह केवल अनुशासन की आड़ में अंदरूनी शक्ति संतुलन का खेल है?