
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भाजपा सरकार के एक साल के कार्यकाल को “विफलता का प्रतीक” करार दिया। उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर सरकार की आलोचना की। उनके मुख्य आरोप इस प्रकार हैं:
1. कानून-व्यवस्था में गिरावट
एसपी-कलेक्टर कार्यालय में आगजनी की घटना।
राज्य में मॉब लिंचिंग की शुरुआत, आरंग में दो लोगों की हत्या।
राजधानी रायपुर में 5 बार गोलीबारी की घटनाएं।
गौ-तस्करी की घटनाएं बढ़ीं।
महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में वृद्धि (पोटाकेबिन में बच्ची की जलकर मौत, अबोध बच्ची बनी मां, नारायणपुर के स्कूल में बच्चियों से छेड़खानी)।
2. नक्सलवाद में बढ़ोतरी
नक्सली घटनाओं में वृद्धि।
कोई नई नक्सल नीति घोषित नहीं की गई।
रोजाना नक्सली हत्याओं की घटनाएं हो रही हैं।
3. अपराध और अपराधियों की बेलगाम स्थिति
हत्या, डकैती, लूट और चाकूबाजी की घटनाओं में वृद्धि।
राज्य में अपराध और अपराधी बेखौफ हो गए हैं।
4. रेत माफियाओं का दबदबा
रेत के दाम तीन गुना बढ़ गए।
भाजपा नेताओं और रेत माफियाओं के बीच सांठगांठ का आरोप।
रेत के कारोबार में हिंसक झड़पों की घटनाएं हो रही हैं।
5. आर्थिक बदहाली और वित्तीय कुप्रबंधन
सरकार के 1 साल में राज्य पर 37,000 करोड़ रुपये का कर्ज।
बेरोजगारी भत्ता बंद कर दिया गया।
सरकारी नौकरियों की भर्ती पर रोक लगा दी गई।
बिजली के दाम बढ़ा दिए गए और बिजली कटौती शुरू हो गई।
भूमि रजिस्ट्री में गाइडलाइन छूट समाप्त कर दी गई और रजिस्ट्रेशन फीस 4% बढ़ा दी गई।
6. किसानों की दुर्दशा
किसानों की आत्महत्या के मामलों में वृद्धि (राजनांदगांव, बस्तर, बिलासपुर और महासमुंद में आत्महत्याएं)।
धान पर ‘न्याय योजना’ की चौथी किस्त का भुगतान नहीं किया गया।
मक्का, गन्ना और अन्य फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी बंद कर दी गई।
7. जनकल्याणकारी योजनाओं का बंद होना
युवाओं को मिलने वाला बेरोजगारी भत्ता बंद कर दिया गया।
सरकारी योजनाओं में कटौती की गई।
18 लाख आवास देने का वादा था, लेकिन 1 साल में एक भी मकान नहीं बना।
राशन की मात्रा में कटौती की गई (कांग्रेस राज में 7 किलो राशन मिलता था)।
8. अन्य आरोप
सरप्लस बिजली वाले छत्तीसगढ़ में अब बिजली कटौती हो रही है।
भाजपा सरकार के एक साल में छत्तीसगढ़ “बदहाल” हो गया है।
भाजपा की सरकार जनहित के मुद्दों पर विफल रही और 1 साल में ही अलोकप्रिय हो गई।
दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार ने छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ धोखा किया और जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी।