
मुंगेली। सत्र न्यायाधीश मुंगेली ने जुआ प्रतिषेध अधिनियम 2022 की धारा 6 के तहत गिरफ्तार अभियुक्त लाल बहादुर कोसले की जमानत याचिका खारिज कर दी।
लोक अभियोजक ने दिया जमानत का कड़ा विरोध
छत्तीसगढ़ शासन की ओर से लोक अभियोजक रजनीकांत सिंह ठाकुर ने अदालत में जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि अभियुक्त का आपराधिक इतिहास रहा है। उन्होंने बताया कि अभियुक्त की स्वीकारोक्ति पर पूर्व में दो मामलों में उसे दोषी ठहराया जा चुका है। इसके अतिरिक्त, उसके खिलाफ दो अन्य मामले अभी लंबित हैं।
फरार होने की संभावना बनी
लोक अभियोजक ने अदालत को अवगत कराया कि अभियुक्त को पूर्व में जमानत मिलने के बाद न्यायालय में उपस्थित न होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी करना पड़ा था। अभियुक्त के जमानतदार भी उसे न्यायालय में प्रस्तुत करने में असमर्थ रहे। ऐसे में, पुनः जमानत मिलने पर अभियुक्त के फरार होने की संभावना व्यक्त की गई।
अभियुक्त को जेल में निरुद्ध किया गया
मुंगेली पुलिस ने दो दिन पहले लाल बहादुर कोसले को जुआ खेलते हुए गिरफ्तार कर जेल में निरुद्ध किया था। मामले के तथ्यों और अभियोजन पक्ष के तर्कों को ध्यान में रखते हुए सत्र न्यायाधीश ने अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज कर दी।
जुआ के खिलाफ कार्रवाई जारी
पुलिस और न्यायालय की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि जुआ के मामलों में कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इससे अपराधियों के खिलाफ सख्त संदेश जाएगा।