
मुंगेली। नगर पालिका परिषद मुंगेली में अध्यक्ष पद के लिए सामान्य वर्ग का आरक्षण घोषित होने के बाद राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। भाजपा और कांग्रेस के कई नामों पर चर्चा शुरू हो गई है। जनता और संगठन के बीच इन नामों ने चुनावी समीकरण को और भी रोचक बना दिया है।
भाजपा के जनता के बीच जिन नामों की चर्चा है

1.अमितेश आर्य: नगर पालिका परिषद के पूर्व पार्षद, जो युवाओं और संगठन में खासे लोकप्रिय हैं।

2. संजय वर्मा: शांत और सरल स्वभाव के नेता, जिन्हें संगठन का “चाणक्य” कहा जाता है। नगरीय प्रशासन मंत्री के करीबी माने जाते हैं।

3. प्रेम आर्य: वरिष्ठ नेता, जो संगठन और बृजमोहन अग्रवाल के करीबी माने जाते हैं।

4. शैलेश पाठक: भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष और नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष। उनकी छवि साफ-सुथरी और विनम्र मानी जाती है।

5. राजकुमार वाधवा: 10 वर्षों से पार्षद और सभापति रहे। वर्तमान में मुंगेली चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष।

6. आशीष मिश्रा: अरुण साव के खेमे से जुड़े सक्रिय नेता, जिनकी संगठन में गहरी पकड़ है।

7. आनंद देवांगन: देवांगन समाज के जिलाध्यक्ष होने के साथ साथ इनपर पार्टी ने सत्ता में नहीं रहते हुए अध्यक्ष पद का दावेदार बनाया था। और मुंगेली नगर पालिका में देवांगन समाज का वोटबैंक काफ़ी बड़ा है
कांग्रेस के जनता के बीच जिन नामों की चर्चा है

1. अनिल सोनी: भाजपा के गढ़ में कांग्रेस का परचम लहराने वाले लोकप्रिय नेता। प्रेस क्लब के अध्यक्ष और तीन बार नगर पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं।

2. आत्मा सिंह क्षत्रिय: 1984 से संगठन में सक्रिय वरिष्ठ नेता। पूर्व जिलाध्यक्ष और मंडी अध्यक्ष। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाते हैं।

3. हेमेंद्र गोस्वामी: पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष, जो सभी वर्गों में लोकप्रिय हैं और सामाजिक कार्यक्रमों में सक्रिय सहयोग के लिए जाने जाते हैं।

4. अरविंद वैष्णव: लगातार 20 वर्षों से पार्षद और जिला कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता।

5. रोहित शुक्ला: पांच साल तक शहर कांग्रेस अध्यक्ष और बीते पांच वर्षों में सभापति रहे। युवाओं और ब्राह्मण समाज में खासे लोकप्रिय हैं।

6. सागर सोलंकी: कांग्रेस आईटी सेल के प्रदेश उपाध्यक्ष। सरल और शालीन छवि के नेता।

7. स्वतंत्र मिश्रा: वर्तमान में शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष।
चुनावी समीकरण
जनता और संगठन के बीच चर्चा में आए नामों से यह साफ है कि इस बार का चुनाव बेहद प्रतिस्पर्धात्मक और रोचक होगा। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही अपने सबसे प्रभावशाली और लोकप्रिय उम्मीदवार को मैदान में उतारने की रणनीति बना रही हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि संगठन और जनता के समर्थन से कौन नेता नगर पालिका अध्यक्ष पद की कुर्सी पर काबिज होगा।