
मुंगेली, 11 मई — दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीति के विरुद्ध एक प्रेरणास्पद पहल करते हुए संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने रविवार को सतनाम भवन, मुंगेली में आयोजित सत्संग कार्यक्रम के दौरान चार जोड़ों का सामूहिक विवाह अत्यंत सादगी से सम्पन्न कराया।

इस विवाह कार्यक्रम की सबसे विशेष बात यह रही कि इसमें न कोई बैंड-बाजा था, न डीजे, न बारात और न ही कोई दहेज का लेन-देन। केवल संत गरीबदास जी महाराज की अमृतवाणी और 33 करोड़ देवी-देवताओं की स्तुति के साथ, 17 मिनट में सभी वैवाहिक संस्कार पूर्ण किए गए।

संत रामपाल जी महाराज के अनुयायियों का मानना है कि उनकी शिक्षाएं समाज को धर्म, सादगी और सच्चे सेवा भाव की दिशा में प्रेरित कर रही हैं। अनुयायियों ने बताया कि महाराज जी का नारा— “सच होगा सबका सपना, दहेज मुक्त हो भारत अपना”— अब केवल एक विचार नहीं, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन बनता जा रहा है।

यह आयोजन समाज को यह संदेश देता है कि विवाह जैसे पवित्र संस्कार को दिखावे और आर्थिक बोझ से मुक्त कर, नैतिकता और आध्यात्मिकता के आधार पर भी सम्पन्न किया जा सकता है। यह पहल निश्चित ही समाज में दहेज प्रथा को जड़ से समाप्त करने की दिशा में एक सार्थक कदम मानी जा रही है।