
• हिस्ट्रीशीटर अश्वनी पर दर्ज हैं एक दर्जन से अधिक अपराध – कई थानों में लंबित मामले
• खाली जमीन बताकर भवन निर्माण भूमि की रजिस्ट्री कराई, 74,68,000 रुपए की ठगी
• फर्जी चेक के जरिये किया सौदा, गरियाबंद जिले में संलिप्त अधिकारियों की तलाश में पुलिस रवाना
रायपुर/बालोद। बालोद पुलिस ने एक बड़े धोखाधड़ी के मामले का खुलासा करते हुए आदतन अपराधी अश्वनी कुमार डडसेना को गिरफ्तार किया है। आरोपी पर बालोद, दुर्ग और भिलाई के विभिन्न थानों में एक दर्जन से अधिक आपराधिक प्रकरण पहले से दर्ज हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दीनदयाल जेठूमल (47 वर्ष) निवासी वार्ड क्रमांक 20 पाररास थाना बालोद ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह योग वेदांत फाउंडेशन का संचालक है और अपने आश्रम में योग-ध्यान की शिक्षा देता है। 25 जुलाई से 13 अगस्त 2025 के बीच आरोपी परसराम साहू, अश्वनी डडसेना और अन्य साथियों ने जमीन सौदे के नाम पर संपर्क किया।

आरोपियों ने इकरारनामा करने के बहाने पीड़ित से आधार, पैन और ऋण पुस्तिका जैसे दस्तावेज लेकर रजिस्ट्रार कार्यालय में सीधे जमीन की रजिस्ट्री करा दी। जब सौदे की शेष राशि पूछी गई तो एक फर्जी चेक थमा दिया गया।
जिस जमीन पर लाखों रुपए का भवन निर्माण था, उसे खाली भूमि बताकर धोखे से रजिस्ट्री कराई गई। पीड़ित से छलपूर्वक कुल 81,71,000 रुपए का सौदा किया गया, जिसमें केवल 7,03,000 रुपए नकद दिए गए और शेष 74,68,000 रुपए का चेक देकर फर्जीवाड़ा किया गया। बैंक में चेक प्रस्तुत करने पर वह बाउंस हो गया।
इस पर थाना बालोद में अपराध क्रमांक 404/2025 धारा 318(4), 3(5), 61(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ की गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए आईजी दुर्ग रेंज राम गोपाल गर्ग के निर्देशन, एसपी बालोद योगेश पटेल के मार्गदर्शन, एएसपी मोनिका ठाकुर और एसडीओपी देवांश सिंह राठौर के पर्यवेक्षण में थाना प्रभारी शिशुपाल सिन्हा के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई गई। टीम ने आरोपी अश्वनी कुमार डडसेना (59 वर्ष), पिता स्व. गंभीर राम डडसेना, निवासी ग्राम अंगारी, जिला बालोद को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा है।
आरोपी के खिलाफ पहले से थाना बालोद, जामगांव आर, उतई, पुरानी भिलाई, भिलाई नगर, कोतवाली दुर्ग, अमलेश्वर में धोखाधड़ी, मारपीट और गाली-गलौच के कई मामले दर्ज हैं।
पुलिस टीम अब इस प्रकरण में शामिल अन्य संलिप्त अधिकारियों और साथियों की तलाश में गरियाबंद जिले के लिए रवाना हो गई है, जबकि मोबाइल नंबरों के माध्यम से भी आरोपियों के नेटवर्क को ट्रेस किया जा रहा है।