
मुंगेली। गौरव पथ निर्माण कार्य को लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं, लेकिन इसके बावजूद ठेकेदार की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही। कुछ महीने पहले ही शिवाजी वार्ड के पार्षद और जिला कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता सहित वरिष्ठ पार्षदों ने गुणवत्ता व सुरक्षा को लेकर ठेकेदार अविनाश बिल्डकॉन के खिलाफ मोर्चा खोला था। हाल ही में जिले के कलेक्टर और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस निर्माण कार्य की जांच की।
स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों का कहना है कि इस सड़क निर्माण की कोई आवश्यकता नहीं थी। गौरव पथ के डिवाइडर में लगे बड़े-बड़े पेड़ अब कटने की कगार पर हैं, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान होगा। इस संबंध में जब छत्तीसगढ़ टाइम्स न्यूज़ के एडिटर ने नगर पालिका इंजीनियर से बात की, तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि सभी पेड़ों को निकालकर अन्यत्र लगाया जाएगा। लेकिन हाल ही में देखा गया कि पेड़ों को रेहूटा ग्राम में फेंक दिया गया है।


जब इस बारे में ठेकेदार के सुपरवाइजर से सवाल किया गया, तो उन्होंने जवाब दिया कि उनका काम सिर्फ पेड़ निकालना और रख देना है, जबकि पेड़ लगाने का दायित्व नगर पालिका का है। ग्रामवासी पेड़ काटकर ले जा रहे हैं तो उसमें उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी और इंजीनियर ने हालांकि यह स्वीकार किया कि ठेकेदार को पहले ही सख्त हिदायत दी गई थी कि जितने पेड़ निकाले जाएंगे उतने ही वापस लगाए जाएं। अगर ऐसा नहीं किया गया है, तो नोटिस जारी कर कार्यवाही की जाएगी।
पर्यावरण प्रेमियों का आरोप है कि रात के अंधेरे में पेड़ काटकर फेंके जा रहे हैं। उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्यवाही नहीं की, तो वे ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पेड़ लगाना आसान नहीं, वर्षों की देखभाल के बाद ही वे बड़े होते हैं।


इस पूरे मामले ने शासन के “एक पेड़ मां के नाम” अभियान की गंभीरता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि अधिकारी इस प्रकरण को कितनी गंभीरता से लेते हैं और ठेकेदार के खिलाफ कब तक कार्रवाई होती है।