
लोरमी (जोतपुर):
ग्राम जोतपुर, तहसील लोरमी में विश्व वंदनीय परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास जी के द्वितीय पुत्र राजा गुरु बालक दास जी की 224वीं जयंती बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।
कार्यक्रम की शुरुआत सतनाम चौका पूजा से हुई, जिसे पंडित मंतराम एवं साथियों ने संपन्न कराया। इस अवसर पर पंडित मंतराम ने बताया कि गुरु बालक दास जी का जन्म सन 1805 ईस्वी में भाद्र माह के कृष्ण पक्ष अष्टमी को सोनाखान रियासत के गिरौद गांव (छत्तीसगढ़) में हुआ था। वे गुरु घासीदास जी और माता सफूरा के पुत्र थे।

उन्होंने कम उम्र से ही सतनामी आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और सन 1820 से आंदोलन के नेतृत्वकारी चेहरों में शामिल रहे। समाज उन्हें गुरु और मुखिया मानता था, इसीलिए ब्रिटिश शासन और आमजन उन्हें “राजा गुरु” कहकर संबोधित करते थे।
ग्राम सरपंच प्रतिनिधि त्रिलोक कोशले ने गुरुगद्दी की पूजा-अर्चना कर जोड़ा जय स्तंभ पर स्वेत पालो चढ़ाया। इसके पश्चात समिति द्वारा ग्राम के संत-जनों एवं उपस्थित श्रद्धालुओं को गुरु प्रसादी के रूप में खीर वितरण किया गया।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से शामिल रहे:
तारण कोशले (उपसरपंच), अश्वाराम अनंत (सामाजिक कार्यकर्ता), हेमंत खांडेकर (सामाजिक कार्यकर्ता), अजीत घृतलहरे (सचिव), भुनेश्वर रावल (पंच), गिरवर कोशले (पूर्व सरपंच), डॉ. रविन्द्र कुर्रे, भागवत कामले (पंच), रेशम कोशले (पंच), शंकर डहरिया (पंच), फागू डहरिया (पंच), राविशन घृतलहरे (पंच), पोरेंद्रपाल डहरिया, कोमल कुर्रे, ललित लहरिया, प्रकाश डहरिया, लखन घृतलहरे, लतेल कोशले, रामदास कुर्रे, सुरेश कुर्रे, सौखी बंजारा, हरि बंजारा, गोपाल बांधे, रोहित कुर्रे, डॉ. जैजैराम कोशले, मोहन चेलक, चंदकली देवी, सरिता देवी, आनंद देवी, पूर्णिमा देवी, अजय खांडेकर, दशमत बाई, विजय डहरिया, शिव कुमार डहरिया, खेम रात्रे, ओमप्रकाश चतुर्वेदी, सुमन कुर्रे सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी, बुजुर्ग, माताएं-बहनें और युवा साथी उपस्थित रहे।