
रामचरितमानस की चौपाइयों और ‘बूढ़ी काकी’ की प्रस्तुति ने बांधा समां
मुंगेली // प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी आगर साहित्य समिति मुंगेली द्वारा गोस्वामी तुलसीदास एवं मुंशी प्रेमचंद जयंती का आयोजन उत्साहपूर्वक किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के छायाचित्र में दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इसके पश्चात सुश्री अभिलाषा पांडे ने मां वीणापाणी की वंदना प्रस्तुत की।

आगर साहित्य समिति के अध्यक्ष देवेंद्र परिहार ने स्वागत भाषण में आयोजन की निरंतरता और उद्देश्य पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर समिति के सभी सदस्यों ने रामचरितमानस की दो-दो चौपाइयां और एक दोहा अर्थ सहित प्रस्तुत किया।

मुंशी प्रेमचंद की प्रसिद्ध कहानी बूढ़ी काकी का वाचन विभा सोनी व अभिलाषा पांडे द्वारा किया गया। कार्यक्रम में प्रेस क्लब मुंगेली के सचिव योगेश शर्मा ने तुलसीदास के जीवन और साहित्यिक योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि तुलसीदास ने संसार को सबसे अधिक जनप्रिय महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ दिया, जो आज भी प्रत्येक घर में पाया जाता है।
दैनिक भास्कर के वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद पाठक ने कहा कि तुलसीदास की भाषा लोकभाषा थी, जिसने रामकथा को आम जनमानस तक पहुँचाया। रामचरितमानस वह ग्रंथ है जिस पर विश्व में सबसे अधिक शोध हुए हैं और आज भी हो रहे हैं।

न्यूज़ 18 के वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत शर्मा ने मुंशी प्रेमचंद के जीवन और साहित्य पर चर्चा करते हुए बताया कि उनका लेखन आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना उनके समय में था। उनकी कहानियाँ समाज की गहराइयों को उजागर करती हैं।
कार्यक्रम में प्राध्यापक व संयोजक अशोक गुप्ता ने प्रेमचंद की रचनाओं की सामाजिक-राजनीतिक महत्ता को रेखांकित किया और कहा कि उनकी कहानियाँ आज के यथार्थ को भी प्रतिबिंबित करती हैं।
कार्यक्रम का संचालन रामा साहू व खेमेश्वर पुरी गोस्वामी ने किया तथा आभार प्रदर्शन सहसंयोजक राकेश गुप्त निर्मल ने किया।

इस अवसर पर समिति के संयोजक अशोक गुप्ता, सहसंयोजक राकेश गुप्त निर्मल, अध्यक्ष देवेंद्र परिहार, राष्ट्रीय कवि संगम के जिला अध्यक्ष रामा साहू, साहित्यकार जगदीश देवांगन, ज्वाला कश्यप, रोहित ठाकुर, विनोद सिंह, विभा सोनी, अभिलाषा पांडे, खेमेश्वर पुरी गोस्वामी व अखिलेश्वर सिंह की विशेष उपस्थिति रही।