
मुंगेली 📍–
भाषा की शुद्धता, शब्द-संपदा, साहित्यिक शैली और प्रस्तुतीकरण क्षमता को सशक्त बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय कवि संगम जिला इकाई मुंगेली एवं आगर साहित्य समिति मुंगेली द्वारा होटल पुनीत में एक भव्य साहित्यिक कार्यशाला का आयोजन हुआ। यह कार्यशाला जिले के लोकप्रिय कवि स्वर्गीय श्री केदार सिंह परिहार की स्मृति को समर्पित रही।

🌸 कार्यक्रम की शुरुआत 🌸
मां सरस्वती के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। स्वागत भाषण में समिति अध्यक्ष देवेन्द्र परिहार ने कहा –
“मुंगेली में प्रतिमाह काव्यगोष्ठी होती है, किंतु साहित्यकारों के लिए उपयोगी कार्यशाला की योजना पहली बार मूर्त रूप ले रही है।”

📖 प्रथम सत्र की विशेषताएं 📖
राष्ट्रीय महामंत्री महेश कुमार शर्मा ने युवाओं में देशभक्ति, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक जुड़ाव की आवश्यकता पर बल दिया।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. विनय कुमार पाठक ने छत्तीसगढ़ी लेखन की बारीकियों और सावधानियों को विस्तार से बताया।
सजल विधा के प्रणेता विजय राठौर (जांजगीर) ने सजल लेखन की विशेषताओं और नियमों को समझाया।

🎤 द्वितीय सत्र के मुख्य आकर्षण 🎤
इस सत्र की अध्यक्षता जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकांत पांडे, जनपद अध्यक्ष रामकमल सिंह परिहार और लोकप्रिय कवि मीर अली मीर ने की।
श्रीकांत पांडे ने कहा – “साहित्य समाज को दिशा देता है।”
मीर अली मीर ने मंचीय कविता, उच्चारण, पहनावे और प्रस्तुतीकरण कला पर मार्गदर्शन दिया।
साहित्यकार आशीषराज सिंघानिया ने “मंच, माइक, मीडिया और मार्केटिंग” विषय पर नई सोच प्रस्तुत की।
इसी दौरान दस्तक काव्यपाठ में मुंगेली, बिलासपुर, बेमेतरा, कवर्धा व जांजगीर के कवियों ने अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

🎶 अंतिम सत्र : काव्यगोष्ठी और श्रद्धांजलि 🎶
जांजगीर, मुंगेली, कबीरधाम, बेमेतरा, बलौदा बाजार के कवियों ने अपनी उत्कृष्ट रचनाओं का पाठ किया।
कार्यशाला का समापन स्व. केदार सिंह परिहार को श्रद्धासुमन अर्पित कर किया गया।
🌟 कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान 🌟
जेठमल कोटडिया, अशोक गुप्ता, नंदराम यादव, जगदीश देवांगन, देवेंद्र परिहार, महेंद्र यादव, राकेश गुप्त निर्मल, स्वतंत्र तिवारी, रामा साहू, ज्वाला कश्यप, हूप सिंह क्षत्रिय, रोहित ठाकुर, हेमंत कश्यप, अभिषेक जैन, कल्पना कौशिक, राजेश सोनी, अभिलाषा पांडे, खेमेश्वरपुरी गोस्वामी, अशोक कुमार यादव सहित कई साहित्यप्रेमियों का विशेष योगदान रहा।
💐✨ इस कार्यशाला ने साहित्यकारों, कवियों और नवकलमकारों को नया दृष्टिकोण और ऊर्जा प्रदान की।