
मुंगेली, 03 जनवरी 2025
मुंगेली जिले में अपराधियों की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस अधीक्षक भोजराज पटेल के निर्देशन में नेशनल ऑटोमैटिक फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (NAFIS) के माध्यम से तकनीकी निगरानी की जा रही है। इस प्रयास के तहत दो शातिर अपराधियों के फिंगरप्रिंट का अन्य राज्यों के आपराधिक मामलों से सफल मिलान किया गया।
तकनीकी प्रयासों से अपराधियों की जन्मकुंडली तैयार
जिले के सभी थानों में अपराधियों के फिंगरप्रिंट को NAFIS पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। वर्ष 2023-24 में अब तक 3,300 से अधिक आरोपियों के फिंगरप्रिंट रिकॉर्ड किए गए हैं। NAFIS प्रणाली के जरिए पूरे देश में अपराधियों का डाटाबेस तैयार किया जा रहा है।
मामला सिटी कोतवाली, मुंगेली
सिटी कोतवाली, मुंगेली के अपराध क्रमांक 142/24 (धारा 379, 34 भा.द.वि.) के अंतर्गत चोरी के मामले में गिरफ्तार नीरज सिसोदिया (42 वर्ष) और प्रशांत सिसोदिया (23 वर्ष) के फिंगरप्रिंट अन्य राज्यों के मामलों से मिलाए गए।
कर्नाटक: विजय नगर जिले के जलकाडिया में अपराध (धारा 380, 511)।
मध्य प्रदेश: राजगढ़ जिले के बोडा थाना क्षेत्र में कई मामलों से लिंक।
तेलंगाना: 2021 के अपराध (धारा 420, 380)।
पुलिस टीम की सराहना
थाना प्रभारी संजय राजपूत और उनकी टीम, विशेष रूप से एमओबी आरक्षक राधे लाल ध्रुव, ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस सफलता के लिए जिले के पुलिस अधीक्षक ने टीम को बधाई दी और भविष्य में इसी प्रकार के प्रयास जारी रखने का निर्देश दिया।
NAFIS की भूमिका
NAFIS प्रणाली ने यह सुनिश्चित किया है कि आदतन अपराधियों की पहचान और उनके अपराधों की जानकारी अन्य राज्यों से भी प्राप्त हो सके। इस सफलता से मुंगेली पुलिस की तकनीकी दक्षता और अपराध नियंत्रण की दिशा में प्रतिबद्धता सिद्ध हुई है।