
उच्च शिक्षा विभाग के सहयोग से एक दिवसीय सेमिनार में विशेषज्ञों ने साझा किए विचार
मुंगेली, 5 मार्च – उच्च शिक्षा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से “छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थियों में उद्यमिता विकास: चुनौतियां एवं संभावनाएं” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी डॉ. ज्वाला प्रसाद मिश्र शासकीय विज्ञान महाविद्यालय, मुंगेली एवं शासकीय एस.एन.जी. महाविद्यालय, मुंगेली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुई।
प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एस.पी. चतुर्वेदी (प्रख्यात उद्योगपति, बिलासपुर) थे, जबकि अध्यक्षता श्री एस.के. गोवर्धन (उद्यमी एवं कृषक, मुंगेली) ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. पी.के. पांडेय (अपर संचालक, उच्च शिक्षा, क्षेत्रीय कार्यालय, बिलासपुर), डॉ. जी.ए. घनश्याम (संयुक्त संचालक, उच्च शिक्षा संचालनालय, रायपुर) एवं प्रो. रक्षा सिंह (इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय केंद्रीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक) उपस्थित रहे।
इसके अलावा, प्रद्युम्न तिवारी (अध्यक्ष, जनभागीदारी समिति, शासकीय विज्ञान महाविद्यालय, मुंगेली) एवं राणाप्रताप सिंह (अध्यक्ष, शासकीय एस.एन.जी. महाविद्यालय, मुंगेली) भी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। संगोष्ठी के संरक्षक प्राचार्य डॉ. शोभित कुमार बाजपेयी एवं सह-संरक्षक डॉ. रजत दवे थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ एवं मुख्य विचार
संगोष्ठी का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ। प्राचार्य डॉ. बाजपेयी ने स्वागत भाषण दिया।
मुख्य अतिथि एस.पी. चतुर्वेदी ने विद्यार्थियों को उद्यमिता के महत्व और संसाधनों की जानकारी दी। उन्होंने अपने व्यावसायिक अनुभव साझा करते हुए युवाओं को स्टार्टअप और उद्योगों की ओर प्रेरित किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में एस.के. गोवर्धन ने कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचारों और इनोवेटिव आइडिया के महत्व पर प्रकाश डाला।
डॉ. पी.के. पांडेय ने महाविद्यालय स्तर पर उद्यमिता विकास की संभावनाओं पर चर्चा की, जबकि डॉ. जी.ए. घनश्याम ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत महाविद्यालयों में उद्यमिता को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा और विज्ञान के समावेश से “विकसित भारत 2047” के लक्ष्य को प्राप्त करने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रो. रक्षा सिंह ने अपने वक्तव्य में NEP के तहत उद्यमिता और विद्यार्थियों की भूमिका का विस्तार से विश्लेषण किया।

हाइब्रिड मोड में आयोजित तकनीकी सत्र में Invited Talk के तहत डॉ. शैलेन्द्र कुमार भारल (डीन, कॉमर्स संकाय, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन) एवं डॉ. बटेश्वर सिंह (डीन, कॉमर्स संकाय, झारखंड सेंट्रल यूनिवर्सिटी, रांची) ने व्याख्यान दिए।
विभिन्न महाविद्यालयों के प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। साथ ही, सफल उद्यमी एस.के. गोवर्धन, संचित भट्ट और उद्यमी छात्र-छात्राओं ने अपने कार्यों का अनुभव साझा किया।
तकनीकी सत्र का संचालन एस.के. भारती, श्री ब्रजेश उपाध्याय एवं एन.के. पुरले द्वारा किया गया।

कार्यक्रम की सफलता और निष्कर्ष
इस संगोष्ठी में डॉ. ज्वाला प्रसाद मिश्र महाविद्यालय एवं शासकीय एस.एन.जी. महाविद्यालय के समस्त शिक्षकों और कर्मचारियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के स्वयंसेवकों ने भी विशेष योगदान दिया।
यह राष्ट्रीय संगोष्ठी उच्च शिक्षण संस्थानों में उद्यमिता को लेकर चुनौतियों एवं संभावनाओं पर चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुई। इस आयोजन से विद्यार्थियों को नवाचार और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरणा मिली।