
मुंगेली। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल रविवार को 22वें दिन भी जारी रही। कर्मचारियों ने रोटी-सम्मान-न्याय गारंटी के प्रतीकात्मक प्रदर्शन के जरिए सरकार को जगाने का प्रयास किया।
संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि अब तक सरकार की ओर से उनकी मांगों पर कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार की दमनकारी नीतियों से कर्मचारियों का आक्रोश लगातार बढ़ रहा है और स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह प्रभावित हो रही है। आंदोलन स्थल आगर खेल परिसर में बड़ी संख्या में कर्मचारी एकजुट होकर अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर डटे रहे।
जिला अध्यक्ष पवन निर्मलकर ने आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह आंदोलन अब केवल कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि जनआंदोलन का स्वरूप ले रहा है। वहीं डॉ. भास्कर सिंह राठौर ने स्पष्ट कहा कि जब तक लिखित आदेश जारी नहीं होता, हड़ताल अनवरत जारी रहेगी।

कर्मचारियों ने सरकार पर खोखली गारंटी और झूठे प्रचार का आरोप लगाया। उनका कहना है कि सरकार 10 में से 5 मांगें पूरी होने का दावा कर रही है, जबकि एक भी मांग पर लिखित आदेश नहीं आया है। स्वास्थ्य मंत्री पर अधिकारियों द्वारा गुमराह किए जाने का आरोप लगाते हुए कर्मचारियों ने इसे धोखे की साजिश बताया और आंदोलन को रायपुर तक ले जाने एवं उग्र प्रदर्शन की चेतावनी दी।
गौरतलब है कि आंदोलन की वजह से 4 सितम्बर को कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम को भी स्थगित करना पड़ा। कर्मचारियों का आरोप है कि विपक्ष में रहते हुए वर्तमान सत्ताधारी दल ने उनके संविलियन की पैरवी की थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है।
इस अवसर पर एनएचएम संघ के पदाधिकारी एवं समस्त संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी मौजूद रहे।