
मुख्य बातें:
1. रेणु जोगी ने की कांग्रेस में वापसी की पेशकश
2. जोगी कांग्रेस (जेसीसीजे) के कांग्रेस में विलय की अटकलें
3. दीपक बैज ने कहा- अभी कोई स्थिति नहीं बनी, वरिष्ठ नेताओं से होगी चर्चा
4. कांग्रेस की 7 सदस्यीय समिति करेगी नेताओं की वापसी पर फैसला

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजनीति में बड़ा उलटफेर होने की संभावना है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसीजे) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और कोटा की पूर्व विधायक रेणु जोगी ने कांग्रेस में वापसी की इच्छा जाहिर की है। इस सिलसिले में उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखा है। उन्होंने न सिर्फ खुद की, बल्कि अपनी पार्टी जेसीसीजे के कांग्रेस में विलय की भी पेशकश की है।
अजीत जोगी ने बनाई थी जोगी कांग्रेस
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता अजीत जोगी ने कांग्रेस से अलग होकर 2016 में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसीजे) की स्थापना की थी। इस क्षेत्रीय पार्टी ने कई चुनावों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, लेकिन हाल के चुनावों में जेसीसीजे कांग्रेस के साथ नजदीक आती दिखी।
दीपक बैज का बयान- अभी तक कोई औपचारिक स्थिति नहीं
रेणु जोगी के पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा, “अभी तक ऐसी कोई स्थिति नहीं बनी है। अगर परिस्थितियां बनती हैं, तो हम वरिष्ठ नेताओं से इस बारे में चर्चा करेंगे।” बैज ने यह भी बताया कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से नेताओं द्वारा कांग्रेस में वापसी के लिए आवेदन मिल रहे हैं। इन आवेदनों पर फैसला करने के लिए एक 7 सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा।
जोगी कांग्रेस ने उपचुनाव में कांग्रेस का किया था समर्थन
बता दें कि रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट के हाल ही में हुए उपचुनाव में जेसीसीजे ने कांग्रेस उम्मीदवार आकाश शर्मा को बिना शर्त समर्थन दिया था। इसके बाद से ही दोनों दलों के बीच बढ़ती नजदीकियों की अटकलें तेज हो गई थीं।
चरणदास महंत ने भी की थी जोगी परिवार से मुलाकात
इससे पहले छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने अमित जोगी और रेणु जोगी से मुलाकात की थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि नगरीय निकाय चुनाव से पहले जोगी परिवार की कांग्रेस में वापसी हो सकती है।
राजनीतिक समीकरणों पर नजर
अगर जोगी कांग्रेस का कांग्रेस में विलय होता है, तो इससे कांग्रेस को आगामी नगरीय निकाय चुनाव और 2024 के विधानसभा चुनावों में फायदा हो सकता है। वहीं, बीजेपी के लिए यह एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। फिलहाल दोनों पक्षों की ओर से कोई औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन राजनीति के गलियारों में हलचल जरूर तेज हो गई है।