
मुंगेली – छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले प्रदेशभर के तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं। इसी कड़ी में मुंगेली जिले के तहसीलदार एवं नायब तहसीलदारों ने आज आगर खेल परिसर में एकजुट होकर कार्य बहिष्कार किया। हड़ताल के कारण तहसीलों में प्रशासनिक कामकाज पूरी तरह प्रभावित रहा।
संघ द्वारा यह हड़ताल तीन चरणों में आयोजित की जा रही है – 28 जुलाई को जिला स्तर पर, 29 जुलाई को संभाग स्तर पर एवं 30 जुलाई को प्रदेश स्तर पर। यह हड़ताल अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर की जा रही है, जिन पर शासन का ध्यान आकृष्ट करने की अपील की जा रही है।
संघ के उपाध्यक्ष अतुल वैष्णव ने बताया कि तहसील कार्यालयों में स्टाफ की भारी कमी, पदोन्नति में अनियमितता, ग्रेड पे सुधार, शासकीय वाहन की व्यवस्था, न्यायालयीन कार्यों में सुरक्षा व स्वतंत्रता सहित कई गंभीर मुद्दों को लेकर हड़ताल की जा रही है।

प्रमुख मांगें:
1. सभी तहसीलों में स्वीकृत सेटअप के अनुसार स्टाफ की पदस्थापना।
2. तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति में 50:50 अनुपात बनाए रखा जाए।
3. नायब तहसीलदार पद को राजपत्रित किया जाए।
4. ग्रेड पे सुधार शीघ्र लागू किया जाए।
5. शासकीय वाहन व चालक की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
6. बिना वैध प्रक्रिया निलंबित अधिकारियों को 15 दिवस में बहाल किया जाए।
7. न्यायालयीन प्रकरणों को जनशिकायत प्रणाली में शामिल न किया जाए।
8. न्यायिक आदेशों पर एफआईआर दर्ज करने से पूर्व सक्षम अनुमति आवश्यक हो।
9. न्यायालयीन कार्य के लिए पृथक ड्यूटी व्यवस्था की जाए।
10. आउटसोर्सिंग से स्टाफ की नियुक्ति हेतु तहसीलदार को अधिकार मिले।
11. तकनीकी कार्यों हेतु प्रशिक्षित ऑपरेटरों की नियुक्ति।
12. पुनः ैस्त्ध्।ैस्त् प्रणाली की बहाली।
13. व्यक्तिगत मोबाइल नंबर की गोपनीयता के लिए शासकीय मोबाइल डिवाइस।
14. प्रत्येक तहसील में सुरक्षाकर्मी व फील्ड भ्रमण हेतु वाहन।
15. दुर्घटनाओं में तत्काल आर्थिक सहायता हेतु स्पष्ट गाइडलाइन।
16. संघ को वार्ता में मान्यता दी जाए।
17. विशेषज्ञ कमिटी / परिषद का गठन किया जाए।
इस अवसर पर अतुल वैष्णव, कुणाल पाण्डेय, शेखर पटेल, लीलाधर क्षत्रिय, हरिश्चंद्र यादव, छाया अग्रवाल, चंदन दुबे, महेत्तर प्रसाद कौशिक, सी.पी. सोनी, प्रकाश यादव, शान्तनु तारम, चंद्रकांत राही सहित अन्य तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार उपस्थित रहे।
हड़ताल का मकसद स्पष्ट है – तहसील प्रशासन को सशक्त, जवाबदेह और सुरक्षित बनाना। यदि शासन जल्द मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लेता, तो आंदोलन आगे भी जारी रखने की चेतावनी दी गई है।