
मुंगेली, 23 फरवरी 2025 // मुंगेली में सब्जी बाजार में भारी मंदी देखने को मिल रही है। सब्जियों की आवक बढ़ने के कारण उनके दामों में भारी गिरावट आई है। कुछ दिनों पहले 70-80 रुपए किलो तक बिकने वाला टमाटर अब मात्र 5 रुपए किलो में बिक रहा है। इसी तरह हरी सब्जियों की कीमतों में 50% तक की गिरावट दर्ज की गई है। जहां इस गिरावट से ग्राहक और व्यापारी खुश हैं, वहीं किसान परेशान हो गए हैं।
क्यों गिरे सब्जियों के दाम?

सर्दी के अंत में लोकल सब्जियों की अच्छी पैदावार हो रही है, जिससे बाजार में भारी मात्रा में सब्जियां आ रही हैं। इससे पहले सब्जियों के दाम आसमान छू रहे थे, लेकिन जैसे ही स्थानीय किसानों की फसलें तैयार हुईं, बाजार में सब्जियों की भरमार हो गई, जिससे कीमतें आधी रह गईं।
ग्राहकों को मिली राहत, व्यापारी खुश
सब्जियों के सस्ते होने से बाजार में ग्राहक अधिक मात्रा में सब्जियां खरीद रहे हैं। खासतौर पर स्ट्रीट फूड विक्रेता, ठेले वाले और रेस्टोरेंट व्यवसायी इससे खुश हैं क्योंकि उन्हें कम कीमत पर अधिक मात्रा में सब्जियां मिल रही हैं।
किसानों की हालत हुई खराब
टमाटर, मटर, गोभी और अन्य हरी सब्जियों के दाम गिरने से किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। कभी 80-90 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर अब 5 रुपए किलो बिक रहा है, जिससे किसानों को लागत भी निकालना मुश्किल हो रहा है। किसानों का कहना है कि महंगे समय में फसल बेचकर जो लाभ हुआ था, वह अब इस नुकसान से पूरा खत्म हो रहा है।
गोल बाजार में सब्जियों के ताजा भाव
• टमाटर – ₹5 किलो
• आलू – ₹20 किलो
• फूलगोभी – ₹15 किलो
• पत्तागोभी – ₹10 किलो
• मटर – ₹30-35 किलो
• करेला – ₹50 किलो
• शिमला मिर्च – ₹40 किलो
• हरी मिर्च – ₹40 किलो
• भिंडी – ₹40 किलो
• लौकी – ₹15 किलो
• पालक, लालभाजी – ₹20 किलो
• मेथी भाजी – ₹30 किलो
चुनावी माहौल से बाजार में सन्नाटा

व्यापारियों का कहना है कि गांवों में पंचायत चुनाव का माहौल होने के कारण ग्रामीण खरीदार शहर के बाजार नहीं आ रहे हैं। इससे बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है, जिससे व्यापारियों को भी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी

व्यापारियों का मानना है कि जब तक चुनावी माहौल खत्म नहीं होता और ग्रामीण बाजार में सक्रिय नहीं होते, तब तक बाजार की स्थिति में सुधार मुश्किल है। वहीं, किसानों को भी फसल के सही दाम मिलने की उम्मीद है, लेकिन फिलहाल सब्जियों की अधिक आपूर्ति के चलते मंदी का दौर बना रहेगा।