
मुंगेली। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले से एक अनोखा विरोध सामने आया है, जहां ग्राम सिपाही के निवासी हेमंत कुमार ने राज्यपाल रमेन डेका को एक पत्र भेजते हुए छत्तीसगढ़ शासन में दो उपमुख्यमंत्रियों के पद को समाप्त करने की मांग की है।

हेमंत कुमार ने वित्तीय भार का उठाया मुद्दा
हेमंत कुमार का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार में पहले से एक मुख्यमंत्री मौजूद हैं, ऐसे में दो अतिरिक्त उपमुख्यमंत्री रखना अनावश्यक वित्तीय बोझ है। उनके अनुसार, इन पदों पर होने वाले व्यय – जैसे वेतन, भत्ता, सुरक्षा व्यवस्था आदि – राज्य के खजाने पर अतिरिक्त दबाव डाल रहे हैं।
57000 शिक्षकों की भर्ती पर संकट
हेमंत कुमार ने पत्र में लिखा है कि उपमुख्यमंत्रियों पर होने वाले खर्च के चलते 57000 शिक्षकों की भर्ती में वित्तीय संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कमी को पूरा करने के लिए सरकार अब स्कूलों का युक्तियुक्तकरण कर रही है और स्कूल स्टाफ में कटौती की जा रही है।

वेतन में कटौती और शिक्षा बचाने की अपील
हेमंत कुमार ने न केवल उपमुख्यमंत्रियों के पद समाप्त करने की मांग की है, बल्कि विधायकों के वेतन और भत्तों में भी कटौती करने का सुझाव दिया है। उनका कहना है कि यदि सरकार वास्तव में शिक्षा को प्राथमिकता देती है, तो उसे राजनीतिक खर्चों में कटौती कर शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करना चाहिए।
शिक्षा के समर्थन में उठी अनोखी आवाज
यह विरोध न केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उस आम नागरिक की आवाज है जो शिक्षा को लेकर गंभीर है। मुंगेली से आई यह अपील राज्य शासन और जनता दोनों के लिए सोचने का विषय बन गई है।
क्या शासन करेगा विचार?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या राज्यपाल और राज्य सरकार इस जनअपील पर ध्यान देंगे, या यह आवाज भी अन्य विरोधों की तरह अनसुनी रह जाएगी।