
लोरमी: दशरथ लाल अमरीका बाई आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बंधवा में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के सात दिवसीय विशेष शिविर का भव्य समापन हुआ। इस कार्यक्रम ने समाज में प्रेरणादायक और जागरूकता भरे संदेशों की एक मिसाल कायम की।
शिविर में स्वयंसेवक छात्र-छात्राओं ने स्वच्छता, डिजिटल साक्षरता, मतदाता जागरूकता, साइबर अपराध, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, जल एवं पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर रैली निकालकर ग्रामीणों को जागरूक किया। गीत, नाटक, भाषण, कविता और नृत्य के माध्यम से छात्रों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, जो समाज के लिए प्रेरणादायक साबित हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनपद सदस्य उत्तम साहू ने कहा, “इस तरह का आयोजन हमारे गांव में पहली बार हुआ है। स्वयंसेवकों ने श्रमदान और जन जागरूकता के कार्यों के माध्यम से गांव में जो सकारात्मक संदेश दिया है, वह बेहद सराहनीय है।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कांग्रेस युवा नेता प्रमोद साहू ने छात्रों की सराहना करते हुए घोषणा की कि वे कार्यक्रम के लिए 5000 रुपये का सहयोग देंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षकों और छात्रों का यह प्रयास काबिले-तारीफ है।

विशिष्ट अतिथि सुनील लहरे, संचालक वीके कॉलेज छीतापार, ने स्वयंसेवकों की तुलना सेना के जवानों से करते हुए कहा कि “जिस तरह सैनिक देश की रक्षा करते हैं, उसी तरह ये छात्र-छात्राएं समाज को जागरूक कर राष्ट्र निर्माण में योगदान देते हैं।”
विद्यालय संचालक त्रिलोक कोशले ने गर्व व्यक्त करते हुए बताया कि उनके विद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। इस वर्ष भी एक छात्र का राज्य स्तरीय नेतृत्व प्रशिक्षण के लिए चयन हुआ है।
शिविर के समापन समारोह में कई विद्वानों ने बौद्धिक परिचर्चा में भाग लिया, जिनमें डा. मनोज सिन्हा, नरोत्तम पुरले, और अन्य प्रशासनिक व शैक्षणिक अधिकारी शामिल थे।
समाज में जागरूकता की मिसाल बने स्वयंसेवक
कार्यक्रम में सरपंच, शिक्षकों और विद्वानों ने छात्रों की सराहना की। स्वागत भाषण कार्यक्रम अधिकारी गोविंद नवरंग ने दिया, जबकि धनेश्वरी खांडे ने आभार व्यक्त किया।
समापन अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों, बच्चों, माताओं, बहनों और पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति ने इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया।
राष्ट्रीय सेवा योजना के इस शिविर ने न सिर्फ ग्रामीणों को जागरूक किया, बल्कि स्वयंसेवक छात्र-छात्राओं ने समाज में बदलाव लाने की नई राह भी दिखाई।