
बढ़ रहा गांजा और नशीले पदार्थों का सेवन: चिंताजनक स्थिति
गांजा और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन तेजी से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी मुख्य वजह बेरोजगारी, मानसिक तनाव और आसान उपलब्धता है। स्कूल-कॉलेजों के छात्र भी इस आदत की चपेट में आ रहे हैं। प्रशासन और पुलिस की लापरवाही से यह कारोबार बढ़ता जा रहा है। जरूरत है कि प्रशासन इस पर सख्ती से कार्रवाई करे और युवाओं को इसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया जाए।

युवाओं का गलत रास्तों पर बढ़ना: समाज के लिए खतरा
आजकल के युवा गलत आदतों और रास्तों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। सामाजिक दबाव, दिखावे की प्रवृत्ति और गलत संगत इसके प्रमुख कारण हैं। नशे की लत और अपराधों में युवाओं की संलिप्तता समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है। शिक्षा और परिवार का सहयोग इसमें अहम भूमिका निभा सकता है। समाज को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना होगा।
तेज गति में गाड़ी चलाना:युवाओं के लिए बन रहा खतरनाक शौक
शहर की सड़कों पर तेज गति से गाड़ियां चलाना युवाओं का नया शौक बन चुका है। इससे दुर्घटनाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। खासकर रात के समय स्टंट और रेसिंग जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। ट्रैफिक पुलिस द्वारा बार-बार चेतावनी देने के बावजूद यह समस्या बढ़ती जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि युवाओं को ट्रैफिक नियमों का महत्व समझाने और कड़े कानून लागू करने की आवश्यकता है।
नशे के कारोबारियों को हो आजीवन कारावास: समाज की मांग
नशे के कारोबारियों के खिलाफ सख्त कानून लागू करने की मांग जोर पकड़ रही है। समाज का मानना है कि जो लोग युवाओं को नशे के जाल में फंसा रहे हैं, उन्हें आजीवन कारावास की सजा दी जानी चाहिए। ऐसे कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई से ही नशे की इस बीमारी को रोका जा सकता है। सरकार को इस दिशा में कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
शहर और समाज को इन समस्याओं से बचाने के लिए सरकार, प्रशासन, और जनता को मिलकर काम करना होगा। युवाओं के लिए रोजगार के अवसर और सही मार्गदर्शन उपलब्ध कराना अत्यंत आवश्यक है। साथ ही, नशे और अपराध के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।