

मुंगेली। पुण्यश्लोका महारानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी मुंगेली द्वारा जिला भाजपा कार्यालय (अटल परिसर) में भव्य कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सुशासन, महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक पुनर्जागरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।
मुख्य वक्ता भूपेंद्र सिंह सवन्नी (अध्यक्ष, क्रेडा – छत्तीसगढ़ शासन) ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर का 26 वर्षों का शासन एक आदर्श प्रशासन, न्याय व्यवस्था और जनकल्याण का प्रतीक है। उनके शासन में कभी अकाल नहीं पड़ा क्योंकि उन्होंने कृषि, पर्यावरण और समाज कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उन्होंने अहिल्याबाई को महिला सशक्तिकरण की प्रतीक बताते हुए वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना उनके शासन से की।

विधायक पुन्नूलाल मोहले ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अहिल्याबाई के योगदान को कांग्रेस शासन में छुपाया गया, लेकिन भाजपा के नेतृत्व में अब ऐतिहासिक सच उजागर हो रहा है। उन्होंने मंदिर निर्माण, शिक्षा और समाज सेवा में अहिल्याबाई के योगदान को आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बताया।
जिला भाजपा अध्यक्ष दीनानाथ केशरवानी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अहिल्याबाई होल्कर के दिखाए मार्ग पर चल रहे हैं। उन्होंने उनके न्यायप्रिय शासन और युद्ध कौशल की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे सामाजिक मर्यादा की प्रतीक थीं।

कार्यक्रम संयोजक व पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष शैलेश पाठक ने कहा कि अहिल्याबाई ने स्त्री धन का उपयोग विधवाओं, गरीबों और वंचितों के कल्याण के लिए किया। उन्होंने विधवा विवाह को बढ़ावा दिया और महिला शिक्षा को प्राथमिकता दी। उन्होंने रानी के कार्यों को आज की सरकार की प्रेरणा बताया।
कार्यक्रम का संचालन भाजपा महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष वर्षा सिंह ने किया तथा आभार प्रदर्शन सह-संयोजक एवं जिला पंचायत सभापति अम्बालिका साहू ने किया।
इस अवसर पर पूर्व विधायक विक्रम मोहले, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकांत पांडेय, द्वारिका जायसवाल, अंजना दास, अनिता साहू, रत्ना काठले,जयप्रकाश मिश्रा, देवकरण भास्कर, सुनील पाठक, राणाप्रताप सिंह, मिट्ठूलाल यादव, शैलेन्द्र तिवारी, कोटूमल दादवानी, अमितेष आर्य, अंजना जायसवाल, रितिमा लाल, मंडल अध्यक्ष राजीव श्रीवास, राजेश्वर टंडन, घनश्याम यादव सहित सभी 11 मंडलों के महिला एवं पुरुष कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के दौरान सभी कार्यकर्ताओं ने रानी अहिल्याबाई के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके सिद्धांतों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।