
मुंगेली। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा किए जा रहे युक्तियुक्तकरण के विरोध में शालेय शिक्षक संघ की प्रदेश स्तरीय संगठनात्मक वर्चुअल बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में आगामी 28 मई को राजधानी में होने वाले मंत्रालय घेराव की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया।
बैठक में वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि राज्य के शिक्षक या संगठन शिक्षक विहीन व एकल शिक्षकीय शालाओं में शिक्षकों की उपलब्धता के खिलाफ नहीं हैं। विरोध का मुख्य कारण 2008 के सेटअप की तुलना में वर्तमान प्रस्तावित व्यवस्था में प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक शालाओं से एक-एक शिक्षक की कटौती है।
संघ पदाधिकारियों का कहना है कि विभाग अपने वर्तमान सेटअप को ही अप्रासंगिक ठहरा रहा है और आरटीई एक्ट 2009 को ढाल बनाकर न्यूनतम शिक्षक व्यवस्था को ही आधार मान रहा है, जबकि यह एक्ट केवल न्यूनतम मापदंड तय करता है, अधिकतम सीमा नहीं। इसलिए इससे अधिक शिक्षक नियुक्त करना प्रतिबंधित नहीं है।
बैठक में यह भी कहा गया कि यदि पहले से अधिक शिक्षक होने के बावजूद छत्तीसगढ़ देश में शैक्षिक उपलब्धियों में 25वें से 30वें स्थान पर है, तो शिक्षक संख्या में कटौती से गुणवत्ता कैसे बढ़ेगी? प्रस्तावित सेटअप में 01+01 शिक्षकों वाली प्राथमिक शालाओं में एक शिक्षक के अवकाश, स्थानांतरण या अन्य कार्य में संलग्न होने पर शाला एकल शिक्षकीय या शिक्षक विहीन हो जाएगी, जिससे बच्चों की शिक्षा ही नहीं, सुरक्षा भी प्रभावित होगी।
बैठक में यह भी आरोप लगाया गया कि युक्तियुक्तकरण जैसे संवेदनशील विषय पर विभाग ने न तो शिक्षकों से कोई संवाद किया और न ही उनके सुझावों को महत्व दिया। निर्णय एकतरफा तरीके से लिया गया, जिससे संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हुई।
बैठक में प्रान्ताध्यक्ष वीरेंद्र दुबे के नेतृत्व मे वर्चुअल बैठक को प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा तथा कार्यकारी प्रांताध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने सम्बोधित किया |बैठक का संचालन मिडिया प्रभारी जितेन्द्र शर्मा तथा आभार प्रदर्शन गजराज सिंह ने किया |
बैठक मे जिलाध्यक्ष मुंगेली दीपक वेंताल, नेमीचंद भास्कर, दुर्गेश देवांगन, बीजापुर प्रहलाद जैन, जांजगीर संतोष शुक्ला, दंतेवाड़ा संतोष मिश्रा, शैलेन्द्र सिंह, मनेन्द्रगढ़ पवन दुबे,बेमेतरा पवन साहू, कबीरधाम शिवेंद्र चंद्रवंशी, बिलासपुर मनोज पवार, ,बालोद जितेन्द्र गजेंद्र, कैलाश रामटेके कृष्ण राज पाण्डेय ने अपनी बात रखी तथा मंत्रालय घेराव की रणनीति तैयार की गई |