
मुंगेली।
जिले में वट सावित्री व्रत के पावन अवसर पर सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य की कामना के साथ पारंपरिक श्रद्धा भाव से निर्जला उपवास रखा। प्राचीन परंपराओं के अनुसार महिलाओं ने वट वृक्ष की विधिवत पूजा की, उसकी परिक्रमा की और मौली धागा बांधकर मंगलकामनाएं कीं।

सुबह से ही नगर के शिवाजी वार्ड सहित अन्य क्षेत्रों में वट वृक्षों के नीचे सजी-धजी महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। पारंपरिक परिधानों में सजकर आई महिलाओं ने पूजा-पाठ में भाग लिया और सावित्री-सत्यवान की कथा का श्रवण किया। इस व्रत की विशेषता यह रही कि महिलाओं ने पूरे दिन बिना जल ग्रहण किए उपवास रखा, जिसे ‘निर्जला व्रत’ कहा जाता है।

शिवाजी वार्ड की निवासी सुनीता शुक्ला और मनीषा शुक्ला ने बताया कि यह व्रत उस महान घटना की स्मृति में रखा जाता है जब माता सावित्री ने अपने तप, श्रद्धा और साहस से यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लिए थे। तभी से सुहागिनें यह व्रत श्रद्धापूर्वक करती आ रही हैं।
ज्येष्ठ अमावस्या पर मनाया जाने वाला यह पर्व पूरे जिले में श्रद्धा, आस्था और भक्ति के वातावरण के साथ मनाया गया। पूजा स्थलों पर विशेष सजावट और भक्तिमय आयोजन हुए, जिसमें महिलाओं की बड़ी भागीदारी देखी गई।
